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कोरोना संकट के बीच संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। लेकिन इस बार का यह सत्र बेहद खास रहेगा। इसकी वजह है कि इस बार का सत्र एनवायरमेंट फ्रेंडली रहने वाला है। इस बार सांसद पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल करेंगे। दिल्ली में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने और संसद में ग्रीन कल्चर को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष ने की समीक्षा
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वर्तमान में चल रही कार यूसेज पॉलिसी की समीक्षा की। अधिककारियों ने बताया कि लोकसभा सचिवालय के अलावा, सरकार की तरफ से संचालित भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) संसद सदस्यों को फेरी लगाने के लिए कारें प्रदान करती हैं।
आवास तक छोड़ने के लिए ई-कारें
संसद भवन से मिली खबरों के मुताबिक सत्र के दौरान, सदन के स्थगित होने के बाद संससद सदस्यों को उनके आवास तक छोड़ने के लिए इलेक्ट्रकि कारों का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही संसद सदस्य भी संसद आने के लिए निजी और सरकारी वाहनों का भी उपयोग कर सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक पार्किंग की सीमित संख्या होने के चलते तकरीबन 60 फीसदी संसद सदस्य सत्र के दौरान फेरी वाहनों का उपयोग करते हैं।
गोल्फ कार्ट खरीदीं
तकरीबन दो साल पहले संसद परिसर में भ्रमण करने के लिए गोल्फ कार्ट खरीदी गई थीं। सुमित्रा महाजन (2009-2014) के अध्यक्ष बने रहने के दौरान सांसदों के लिए इलेक्ट्रिक मिनी बस भी खऱीदी गई थी, लेकिन इसका प्रयोग बेहद सीमित था और लेन संकरी होने के चलते इसे चलाने में समस्या पेश होती थी।
ये सांसद करते हैं इलेक्ट्रिक कार का प्रयोग
वहीं मौजूदा केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के पास भी खुद की इलेक्ट्रिक कार ह्यूंदै कोना है, वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पास भी इलेक्ट्रिक कार महिंद्रा ई2ओ है। वे भी चार्जिंग की दिक्कत के चलते लुटियन जोन में इसी कार में चलना पसंद करते हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनसुख मांडविया साइकिल से संसद आते हैं।
राज्यसभा में आ सकती हैं इलेक्ट्रिक कारें
वहीं लोकसभा सचिवालय के अलावा उच्च सदन राज्यसभा ने भी मौजूदा वाहनों की समीक्षा की है। माना जा रहा है कि वहां से भी इलेक्ट्रिक कारों की मांग उठ सकती है। तकरीबन 10 साल बाद वहां दो कारें खरीदने का प्रस्ताव लंबित है, जिसे विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और हरिवंश नारायण सिंह को दिया जाना है। लेकिन महामारी के चलते ये खरीद फिलहाल टाल दी गई।
प्रवेश पर रोक
वहीं महामारी के संक्रमण को देखते हुए लोकसभा सचिवालय ने संसद परिसर में पूर्व कर्मचारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह रोक संयुक्त सचिव से नीचे की रेंक के अवकाश प्राप्त अधिकारियों पर लागू होगा। सचिवालय का कहना है कि ये रोक संसद परिसर में संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए लगाई गई है।
सार
- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार यूसेज पॉलिसी की समीक्षा की
- आईटीडीसी और ईईएसएल उपलब्ध कराती हैं संसदों के लिए कारें
- सुमित्रा महाजन के कार्यकाल में सांसदों के लिए खरीदा गई थी इलेक्ट्रिक मिनी बस
विस्तार
कोरोना संकट के बीच संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। लेकिन इस बार का यह सत्र बेहद खास रहेगा। इसकी वजह है कि इस बार का सत्र एनवायरमेंट फ्रेंडली रहने वाला है। इस बार सांसद पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल करेंगे। दिल्ली में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने और संसद में ग्रीन कल्चर को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष ने की समीक्षा
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वर्तमान में चल रही कार यूसेज पॉलिसी की समीक्षा की। अधिककारियों ने बताया कि लोकसभा सचिवालय के अलावा, सरकार की तरफ से संचालित भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) संसद सदस्यों को फेरी लगाने के लिए कारें प्रदान करती हैं।
आवास तक छोड़ने के लिए ई-कारें
संसद भवन से मिली खबरों के मुताबिक सत्र के दौरान, सदन के स्थगित होने के बाद संससद सदस्यों को उनके आवास तक छोड़ने के लिए इलेक्ट्रकि कारों का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही संसद सदस्य भी संसद आने के लिए निजी और सरकारी वाहनों का भी उपयोग कर सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक पार्किंग की सीमित संख्या होने के चलते तकरीबन 60 फीसदी संसद सदस्य सत्र के दौरान फेरी वाहनों का उपयोग करते हैं।
गोल्फ कार्ट खरीदीं
तकरीबन दो साल पहले संसद परिसर में भ्रमण करने के लिए गोल्फ कार्ट खरीदी गई थीं। सुमित्रा महाजन (2009-2014) के अध्यक्ष बने रहने के दौरान सांसदों के लिए इलेक्ट्रिक मिनी बस भी खऱीदी गई थी, लेकिन इसका प्रयोग बेहद सीमित था और लेन संकरी होने के चलते इसे चलाने में समस्या पेश होती थी।
ये सांसद करते हैं इलेक्ट्रिक कार का प्रयोग
वहीं मौजूदा केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के पास भी खुद की इलेक्ट्रिक कार ह्यूंदै कोना है, वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पास भी इलेक्ट्रिक कार महिंद्रा ई2ओ है। वे भी चार्जिंग की दिक्कत के चलते लुटियन जोन में इसी कार में चलना पसंद करते हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनसुख मांडविया साइकिल से संसद आते हैं।
राज्यसभा में आ सकती हैं इलेक्ट्रिक कारें
वहीं लोकसभा सचिवालय के अलावा उच्च सदन राज्यसभा ने भी मौजूदा वाहनों की समीक्षा की है। माना जा रहा है कि वहां से भी इलेक्ट्रिक कारों की मांग उठ सकती है। तकरीबन 10 साल बाद वहां दो कारें खरीदने का प्रस्ताव लंबित है, जिसे विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और हरिवंश नारायण सिंह को दिया जाना है। लेकिन महामारी के चलते ये खरीद फिलहाल टाल दी गई।
प्रवेश पर रोक
वहीं महामारी के संक्रमण को देखते हुए लोकसभा सचिवालय ने संसद परिसर में पूर्व कर्मचारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह रोक संयुक्त सचिव से नीचे की रेंक के अवकाश प्राप्त अधिकारियों पर लागू होगा। सचिवालय का कहना है कि ये रोक संसद परिसर में संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए लगाई गई है।
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