Auto Expo 2020 Great Wall Motors Haval – फोटो : अमर उजाला
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GWM ने एलान किया है कि वह देश में 1 अरब डॉलर (लगभग 7,600 करोड़ रुपये) का चरणबद्ध तरीके से निवेश करेगी। कंपनी ने जनवरी में General Motors (जनरल मोटर्स) से पुणे के पास तालेगांव प्लांट का अधिग्रहण किया था। इसके साथ ही कंपनी ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली ऑटो एक्सपो में भारत में प्रवेश करने की अपनी योजना की घोषणा की थी। 3000 से ज्यादा नौकरी पैदा होगी
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ, GWM ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है कि तालेगांव प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक होगी और बंगलूरू में एक R&D (रिसर्च एंड डेवलप्मेंट) केंद्र के साथ, 3,000 से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा। GWM की भारतीय सहायक कंपनी के प्रबंध निदेशक पार्कर शी ने कहा, “हम महाराष्ट्र सरकार को पूर्ण समर्थन देने और लंबे और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर हम चरणबद्ध तरीके से भारत में एक अरब अमेरिकी डॉलर निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो कि विश्व स्तर के प्रीमियम उत्पादों, रिसर्च एंड डेवलप्मेंट केंद्र के निर्माण, आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण और चरणबद्ध तरीके से 3000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने करने के लिए तय की गई है।” भारत में बड़ा निवेश क्यों ग्रेट वॉल मोटर अपने SUV स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) के लिए जानी जाती है और भारतीय बाजार में ऐसी कारों की मांग पैदा करना चाहती है।
हालांकि, उत्तर-पूर्वी प्रांत हेबै में बोआडिंग स्थित कंपनी का कहना है कि वह भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के विकास को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। मौजूदा समय में भारत और दुनिया भर में बड़े पैमाने पर ओईएम के लिए एक चुनौती बनी हुई है। महीनों तक बिक्री के बढ़ने की उम्मीद नहीं है, फिर भी बड़ी कंपनियां बाजार में मांग पैदा करने के लिए फाइनेंस स्कीम्स की घोषणा करने में व्यस्त हैं। 2019 के अच्छे प्रदर्शन के बाद 2020 ने अब तक निराशा पैदा की है। इसे देखते हुए GWM के लिए यह कार्य आसान नहीं होगा।
‘राष्ट्रवादी मुद्दा’ भारत में चीन विरोधी भावनाओं के बढ़ने के बीच GWM के निवेश का यह कदम ओवरलैप कर गया है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रमुख ऑटोमोटिव कंपनी के मुख्य कार्यकारी ने अपना नाम जाहिर नहीं करने के अनुरोध के साथ कहा, “इस महीने की शुरुआत में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई ‘वोकल फॉर लोकल’ की अपील के बाद यह एक राष्ट्रवादी मुद्दा बन रहा है। कोई भी चीनी कंपनी जो यहा संचालन स्थापित करना चाहती है, उसे निर्णय में देरी का सामना करना होगा।” चीन की SAIC अपने MG मोटर ब्रांड के साथ भारत में पहले से ही मौजूद है।
सार
भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच चीन की Great Wall Motor (ग्रेट वॉल मोटर) (GWM) ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके भारतीय बाजार में अपने प्रवेश की दिशा में एक और कदम की घोषणा की। ग्रेट वॉल मोटर ने मंगलवार को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और भारत में चीनी राजदूत सुन वेदोंग की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
विस्तार
GWM ने एलान किया है कि वह देश में 1 अरब डॉलर (लगभग 7,600 करोड़ रुपये) का चरणबद्ध तरीके से निवेश करेगी। कंपनी ने जनवरी में General Motors (जनरल मोटर्स) से पुणे के पास तालेगांव प्लांट का अधिग्रहण किया था। इसके साथ ही कंपनी ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली ऑटो एक्सपो में भारत में प्रवेश करने की अपनी योजना की घोषणा की थी।
3000 से ज्यादा नौकरी पैदा होगी
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ, GWM ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है कि तालेगांव प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक होगी और बंगलूरू में एक R&D (रिसर्च एंड डेवलप्मेंट) केंद्र के साथ, 3,000 से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा। GWM की भारतीय सहायक कंपनी के प्रबंध निदेशक पार्कर शी ने कहा, “हम महाराष्ट्र सरकार को पूर्ण समर्थन देने और लंबे और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर हम चरणबद्ध तरीके से भारत में एक अरब अमेरिकी डॉलर निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो कि विश्व स्तर के प्रीमियम उत्पादों, रिसर्च एंड डेवलप्मेंट केंद्र के निर्माण, आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण और चरणबद्ध तरीके से 3000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने करने के लिए तय की गई है।”
भारत में बड़ा निवेश क्यों
ग्रेट वॉल मोटर अपने SUV स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) के लिए जानी जाती है और भारतीय बाजार में ऐसी कारों की मांग पैदा करना चाहती है।
हालांकि, उत्तर-पूर्वी प्रांत हेबै में बोआडिंग स्थित कंपनी का कहना है कि वह भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के विकास को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। मौजूदा समय में भारत और दुनिया भर में बड़े पैमाने पर ओईएम के लिए एक चुनौती बनी हुई है। महीनों तक बिक्री के बढ़ने की उम्मीद नहीं है, फिर भी बड़ी कंपनियां बाजार में मांग पैदा करने के लिए फाइनेंस स्कीम्स की घोषणा करने में व्यस्त हैं। 2019 के अच्छे प्रदर्शन के बाद 2020 ने अब तक निराशा पैदा की है। इसे देखते हुए GWM के लिए यह कार्य आसान नहीं होगा।
‘राष्ट्रवादी मुद्दा’ भारत में चीन विरोधी भावनाओं के बढ़ने के बीच GWM के निवेश का यह कदम ओवरलैप कर गया है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रमुख ऑटोमोटिव कंपनी के मुख्य कार्यकारी ने अपना नाम जाहिर नहीं करने के अनुरोध के साथ कहा, “इस महीने की शुरुआत में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई ‘वोकल फॉर लोकल’ की अपील के बाद यह एक राष्ट्रवादी मुद्दा बन रहा है। कोई भी चीनी कंपनी जो यहा संचालन स्थापित करना चाहती है, उसे निर्णय में देरी का सामना करना होगा।” चीन की SAIC अपने MG मोटर ब्रांड के साथ भारत में पहले से ही मौजूद है।