मार्च के आखिरी हफ्ते में लागू हुए लॉकडाउन की वजह से वाहनों की बिक्री बुरी तरह से प्रभावित हुई। ऑटो जगत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि अप्रैल के महीने में एक भी वाहन की बिक्री नहीं हुई। यह स्थिति सीधे तौर पर गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों के रूप नजर आ रही है।
इस साल लॉकडाउन के दौरान अप्रैल और मई महीने में सिर्फ 27,278 वाहनों का पंजीकरण कराया गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में चार लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण कराया गया था। आरटीओ के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो महीने में जिन वाहनों का पंजीकरण किया गया है, उनमें से अधिकतर मार्च में बेचे गए थे।
वाहन पंजीकरण के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र के 50 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में अप्रैल और मई में 27,278 नए वाहनों का पंजीकरण किया गया। राज्य में पिछले साल इसी अवधि में 4,01,961 वाहनों का पंजीकरण किया गया था।
मोटर वाहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वाहनों के पंजीकरण की संख्या में गिरावट आने और कोविड-19 संक्रमण के कारण कर संग्रह में कमी आने से आटीओ के राजस्व संग्रह पर बुरा असर पड़ा है।
आरटीओ ने अप्रैल और मई में 95.71 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1,339.67 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह किया गया था।
महाराष्ट्र में वाहनों की कुल संख्या 3.75 करोड़ से अधिक है जो कि सर्वाधिक है और करों के रूप में हर वर्ष 8,300 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व एकत्र होता है।
आरटीओ के अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के कारण लोन के लिए मंजूरी में देरी और कागजी काम पूरा नहीं होने जैसी समस्याओं के कारण वाहनों का तत्काल पंजीकरण नहीं हो पाया था। इसलिए, पंजीकरण पिछले दो महीने में किया गया।
पिछले दो महीने में जिन वाहनों का पंजीकरण किया गया, उनमें सर्वाधिक दो पहिया वाहन है जिनकी संख्या 20,590 है। इसके बाद कारों का पंजीकरण किया गया जिनकी संख्या 3,914 है।
सूत्रों ने बताया कि पिछले दो महीने में जिन 50 आरटीओ में वाहनों का पंजीकरण किया गया है, उनमें सर्वाधिक संख्या में 1,792 वाहनों का पंजीकरण पुणे आरटीओ में किया गया है।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के नियमों में ढील के साथ वाहनों के पंजीकरण की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।