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दोस्तो आज का हमारा विषय है, कि हम सब भारतीय हिंदी बोलने में शर्म क्युँ करते है जी है दोस्तों ये एक बहुत ही गंभीर विषय है, लेकिन बहुत से बुद्धि जीवि लोग इसे गंभीर नहीं मानते,गंभीर क्यों नहीं मानते तो चलिए इस विषय को ही जान लेते है।

हिंदी बोलने में शर्म क्युँ?
जैसा कि आप सभी जानते है, भारत विविधताओं का देश है, हमारी राष्टीय भाषा होने के बावजूद लोग हिंदी बोलने में शर्म करते है
- इसके कारन लोगो को काम नहीं मिल पाता क्युकि चारो तरफ अंग्रेजी का ही बोल बाला है,
- मेरा कहने का तात्पेर्ये ये नहीं है की आप अंग्रेजी मत बोलो पर अपनी मात भाषा को भी ध्यान में रखो,
- और भारत में कई भाषाएँ बोली जाती है, पर यहां पर एक भी हिंदुस्तानी भाषा नहीं है,
- जो पुरे देश में बहुमत से बोली जाती है, जैसे हिंदी भाषा उत्तर भारत में बहुत बोली जाती है,
- परन्तु इसका उपयोग दक्षिण भारत में काफी कम है,
- जैसे तमिल, तेलगू, मलयालम आदि भाषाएँ है,
- दक्षिण भारत मे हिंदी नहीं बोली जाती
- और वही उत्त रभारत मे तमिल, तेलगू, मलयालम आदि भाषा का प्रचलन नहीं है
अलग-2 भाषा बोली जाती है
पुरे विश्व मे अलग-2 भाषा बोली जाती है, जैसे China में Chineese, Russia में Russion, Mangoliya में Mangoliyan आदि लेकिन यहाँ पर गौर करने वाली बात ये है कि ये सभी देश अपनी मात्र भाषा में ही बोलते है, परन्तु भारत एक ऐसा देश है जिसमे भारतीय भाषा हिंदी है, भारत में 28 भाषाएँ है, पर प्रमुख भाषा हिंदी है फिर भारतीय लोग हिंदी बोलने मे शर्म क्यों करते है।
उद्हारण लेकर में इस विषय के बारे में आपका ध्य।न केंद्रित करना चाहता हु। :—-
लोगो को लगता है की ये हिंदुस्तान है में आप को बताना चाहता हूँ कि हिन्द शब्द से ही हिंदुस्तान की रचना हुई है, हिंदी तो सब बोलते है, लेकिन ये उन सब लोगो का भर्म है जो बुद्धि जिवि है।

जिस व्यक्ति ने कम शिक्षा हासिल की है या फिर वो वयक्ति जिसने शिक्षा ली नहीं है वो व्यक्ति हिंदी में बात करने में शर्म नहीं करते परन्तु उसी के विपरीत अगर हम ध्यान केंद्रित करे तो जो व्यक्ति पड़ लिख कर एक अच्छी शिक्षा लेने के बाद वो व्यक्ति अपनी मात्र भाषा हिंदी को बोलने में शर्म क्यों करता है, उस व्यक्ति को मालूम होना चाहिए`की जिस परिवेश में उसका जन्म हुआ है वो परिवेश कम पड़ा लिखा है फिर भी वो शिक्षित व्यक्ति अपने रिस्तेदारों से सगे सम्बंधियो से उस भाषा में बात करता है जो उसने अपनी शिक्षा के दौरान हासिल की है, जबकि वो व्यक्ति ये भूल जाता है की जिनसे वो बात कर रहा है वो लोग उसकी भाषा नहीं समझ पा रहे है।
अक्सर आप सभी लोग रोज अपने दैनिक जीवन में इन सभी समस्याओं से गुजरते है, सरकारी क्षेत्र मे हो या प्राइवेट क्षेत्र मे वहा पर कर्मचारी अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग करते है, भारत में ज्यादा तर अंग्रेजी भाषा ही बोली जाती है कम शिक्षित व्यक्ति उनकी बातों को समझ नहीं पाता है, और वो व्यक्ति परेशान होकर इधर से उधर भटकता रहता है।
आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है, टेक्नोलॉजी देखते ही देखते दिन प्रति दिन अपनी पहचान बनाती जा रही है, ये अच्छी बात है, लेकिन टेक्नोलॉजी के चलते आज हर वस्तु / सेवाओं के लिए बहुत तादात मे कॉल सेण्टर खुल गये है, परन्तु वो भारत में रहकर अंग्रेजी का ही दैनिक जीवन मै प्रयोग करते है जिसकी वजह से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्युकि भारत में 70% जनसँख्या अंग्रेजी भाषा नहीं जानती।
क्या आप सभी को नहीं लगता की हम सभी भारतीयों को हिंदी भाषा का प्रयोग करना चाहिए, और अंत में आप सभी से में यहीं कहना चाहता हूँ की हिंदी भाषा को विश्व में पहले स्थान पर लाना चाहिये। या नहीं ।
अगर आपका जवाब हाँ है तो निचे कमेंट बॉक्स मे कमेंट करे
जय हिन्द !!!!
➤ Post को पुरा पड़ने के लिये धन्यवाद ! Technology Devesh
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