[ad_1]
Google की पॉलिसी के मुताबिक बिना किसी ऑरिज़नल बदलाव के दूसरे ऐप से कॉन्टेंट कॉपी करना गूगल के नियमों का उल्लंघन है। पॉलिसी में लिखा है कि (अनुवादित) “हम ऐसी ऐप्स को अनुमति नहीं देते, जो यूज़र्स को Google Play पर पहले से मौजूद ऐप जैसा अनुभव प्रदान करती हैं। ऐप्स को अपने अनोखे कॉन्टेंट और सर्विंस के जरिए से यूज़र्स को बेहतर अनुभव प्रदान करना चाहिए।”
गौरतलब है कि जैसे ही मित्रों ऐप की उत्पति को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हुए थे, तब सामने आया था कि यह ऐप पाकिस्तानी सॉफ्टवेयर डेवलपिंग कंपनी Qboxus से $34 (लगभग 2,500 रुपये) में खरीदा गया है। Qboxus के संस्थापक और सीईओ इरफान शेख ने News18 को बताया कि, (अनुवादित) “डेवलपर ने जो किया है, उससे कोई समस्या नहीं है। उन्होंने स्क्रिप्ट के लिए पैसा दिया है और इसका इस्तेमाल किया, जो ठीक है। लेकिन, समस्या उन लोगों से हैं, जो इसे एक भारतीय-निर्मित ऐप बता रहे हैं, जो पूरी तरह से सच नहीं है, क्योंकि डेवलपर्स ने इस ऐप में कोई बदलाव नहीं किया है।”
इस कड़ी में CNBC-TV18 की रिपोर्ट बताती है कि गूगल ने ऐप को रेड फ्लैग देते हुए सस्पेंड कर दिया है और कहा है कि यह ऐप Google के ‘spam and minimum functionality’ पॉलिसी का उल्लंघन है।
Gadgets 360 की पुरानी रिपोर्ट के अनुसार, मित्रों ऐप सुरक्षा और निजता को लेकर सवालों के घेरे में थी। इसकी डेवलपर वेबसाइट का लीड पेज ब्लैंक था और इसकी कोई प्राइवेसी पॉलिसी भी नहीं थी। सिक्योरिटी एनालिस्ट ने यह भी पाया कि यह ऐप आपके अकाउंट को ओपन छोड़ सकती है, जिसे कोई भी टेकओवर कर सकता है।
[ad_2]
Source link